अयोध्या में रामलला के दर्शन कैसे करें? व रामलला की आरती का समय

rammandir

 

दोस्तों यदि आप भी अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर के दर्शन करने जा रहे हैं तो उससे पहले आपको मंदिर परिसर व वहाँ यात्राओं के दौरान होने वाली सभी क्रियाकलापों के बारे में पहले से ही जानकारी रखनी चाहिए, क्योंकि श्री रामलीला मंदिर में दर्शन के लिए एक दिन में ही कम से कम ढाई लाख से 3 लाख श्रद्धालुओं की उपस्थिति को दर्ज किया गया है। इसीलिए वहां से जुड़ी कुछ जानकारियां आपको अपने पास रखनी चाहिए ताकि आप किसी भी दुविधा का शिकार न बन जाए। हमारे द्वारा नीचे दी गई पोस्ट में आपको लगभग सभी जानकारियां दी गई है इसीलिए आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।

अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन से पहले करें प्लानिंग

अयोध्या के श्री रामलला मंदिर में दर्शन करने से पहले आपको एक सही प्लानिंग बनाने की आवश्यकता होती है, क्योंकि श्री रामलला मंदिर के दर्शन करने के लिए हर रोज वहाँ पर लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ रही है इसीलिए आप पहले से ही अपनी यात्रा की एक क्रमित प्लानिंग करके चलेंगे तो आप सही तरीके से अयोध्या के सभी मंदिरों के दर्शन कर पाएंगे। अयोध्या में आपको सबसे पहले हनुमानगढ़ी में हनुमान जी के दर्शन करना चाहिए, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री राम के दर्शन से पहले हनुमान जी का दर्शन करना अनिवार्य है। उसके बाद वहां पर कनक भवन और दशरथ महल भी है जिसे आप यदि घूमना चाहे तो घूम सकते हैं। यह दोनों ही महल दोपहर में 12:00 के बाद बंद हो जाते हैं और शाम को 5:00 के बाद खुलते हैं। इसीलिए यहां आप पहले ही घूम लीजिए। इसके बाद आपको भगवान श्री राम के दर्शन के लिए जन्मभूमि पर बने मंदिर जाना चाहिए जहां आपको काफी लंबी लाइन मिल सकती है दर्शन के लिए, लेकिन काफी सुगमता से आप वहां पर भगवान श्री राम लाल के दर्शन कर पाएंगे। दर्शन के बाद भक्तगणों को प्रसाद भी दिया जाता है लेकिन भक्तों द्वारा अंदर किसी भी प्रकार का प्रसाद ले जानें पर सख्त पाबंदी है, और साथ ही फूल वगैरा भी नहीं ले जाना है।भक्तगण वहां पर केवल दान दे सकते हैं प्रसाद की सुविधा मंदिर की तरफ से मुफ्त में की गई है।

अयोध्या में रामलला मंदिर से स्टेशन कितनी दूर है?

यदि आप अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन के लिए ट्रेन से जाना चाहते हैं तो आप अयोध्या स्टेशन का टिकट न लेकर रामहाल्ट स्टेशन पर उतरिएगा क्योंकि रामहाल्ट और गाड़ी पार्किंग दोनों एक ही जगह पर है और वहां से आपको आगे की यात्रा के लिए किसी टेंपो वाले का ही सहारा लेना पड़ता है या तो पैदल जाना पड़ता है, यहां से कोई अपनी पर्सनल गाड़ी भी अंदर नहीं ले जा सकता है।यह स्टेशन श्री रामलला मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर होगा। इसके लिए आपको कुछ दूर तो पैदल ही जाना पड़ता है क्योंकि सरजू नदी में स्नान करने के बाद आपको थोड़े दूर की यात्रा पैदल करनी होती है और फिर आपको लता मंगेशकर चौक से ही सारे टेंपो मिलेंगे हनुमानगढ़ी के लिए, और इस बीच में आपको सरजू नदी के किनारे लगे जो बाजार बने हैं वहां पर शौचालय की सुविधा बिल्कुल मुफ्त में दी जाती है जो की अनगिनत रूप से बने हुए हैं आप इनका उपयोग सुगमता से कर सकते हैं।

अयोध्या में पार्किंग से कितनी दूरी पर है श्री रामलला का मंदिर?

अयोध्या में गाड़ी पार्क करने के लिए एक बहुत बड़ा स्पेस है जहां पर एक साथ में कम से कम 2 से 3000 गाड़ियां खड़ी की जा सकती हैं। गाड़ी पार्क करने के लिए 1 घंटे का आपको ₹20 चार्ज देना होता है लेकिन यदि आप 5 घंटे से अधिक और 24 घंटे तक अपनी गाड़ी को वहां पर रखते हैं तो मात्र ₹100 में ही आपको गाड़ी पार्क करने की सुविधा दी जाती है। गाड़ीपार्क करने के बाद आपको वहां से सरजू जी की नदी पास में पड़ती है और फिर वहां से आपको लगभग 500 मीटर की दूरी पर जाकर आप लता मंगेशकर चौक में खड़े हो जाएंगे यहां से आप कोई ऑटो रिक्शा कर के ही हनुमानगढ़ी मंदिर के लिए जा सकते हैं। या फिर आप पैदल यात्रा भी कर सकते हैं जो कि लगभग डेढ़ किलोमीटर तक की पड़ती है। हनुमानगढ़ी मंदिर से सभी मंदिर पास में हैं।

श्री रामलला जन्मभूमि से सरजू मंदिर कितनी दूर है?

श्री रामलला के जन्मभूमि से सरजू नदी की दूरी लगभग दो से ढाई किलोमीटर की दूरी पर पड़ती है। इसके लिए आप पैदल यात्रा भी कर सकते हैं या फिर सरजू नदी में स्नान करके थोड़ी दूर की पैदल यात्रा करते हैं और फिर आप लता मंगेशकर चौक से ऑटो बुक करके सीधे मंदिरों की ओर यात्रा शुरू कर सकते हैं। जिसके लिए आपको डेढ़ किलोमीटर की लगभग दूरी पड़ जाती है।

ठहरने के लिए होटल व अन्य स्थान

अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन करने के लिए यदि आप गए हुए हैं और आपके पास कोई ठहरने का सही स्थान नहीं है तो वहां पर कई हाईफाई होटल भी है जहां आप काफी अच्छी सुविधाओं के साथ रुक सकते हैं। यह आपको थोड़ा महंगा पड़ सकता है लेकिन यदि किसी सस्ते जगह की तलाश में है तो इसके लिए थोड़ी दूरी पर जाकर ही आपको किसी होटल में रुकने की सुविधा मिल पाएगी।

अयोध्या में श्री रामलला जन्मभूमि के अलावा और कौनकौन सी जगह है घूमने के लिए?

यदि आप अयोध्या घूमने के लिए निकले हैं और श्री रामलला जन्मभूमि पर बने मंदिर के अलावा भी और कई जगह घूमना चाहते हैं तो यहां पर बहुत सारे ऐसे मंदिर हैं जिन्हें आपको देखना चाहिए। जिनमें की सबसे पहले आपको हनुमानगढ़ी मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके ही श्री राम जी के दर्शन करना चाहिए। इसके अलावा आप कनक भवन में घूम सकते हैं जो की एक बहुत खूबसुरत महल है ऐसी मान्यताएं हैं कि इस कनक भवन को माता कैकई ने सीता माता को मुँह दिखाई में उपहार स्वरूप दिया था। इसके अलावा दशरथ जी का महल है, पुष्प वाटिका और वर्तमान में कई ऐसे मंदिर अभी बन रहे हैं जिसे भविष्य में हम देख पाएंगे।

अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन का समय क्या है?

भक्तों की भीड़ को देखते हुए भगवान श्री रामलला के दर्शन का समय मंदिर के ट्रस्ट द्वारा समयसमय पर जारी किया जा रहा है लेकिन प्रभु श्री रामलला के दर्शन का अपरिवर्तित समय सुबह 6:30 से भोग आरती के बाद शुरू किया जाता है जिसके बाद दोपहर के 12:00 तक भक्तों द्वारा दर्शन किया जाता है और इसके बाद थोड़े समय के लिए मंदिर का कपाट बंद कर दिया जाता है फिर दोपहर 2:30 बजे से पुनः भक्तों को दर्शन करने के लिए मंदिर की कपाट खोल दिए जाते हैं इसके बाद रात के 10:00 तक प्रभु श्री रामलला के दर्शन का कार्य भक्तों द्वारा चलता रहता है। रात्रि 10:00 बजे के बाद मंदिर बंद कर दिया जाता है।

अयोध्या में श्री रामलला की आरती का समय क्या है?

अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद नियमित रूप से विधिपूर्वक आरती की जाती है।जिसे हिंदू मान्यताओं व वेदों के अनुसार एक दिन में कई बार की नियमित आरती श्री रामलला कि की जाती है। यह आरती भोर के 4:00 बजे से 5:00 बजे के बीच में की जाती है जिसे मंगल आरती कहा जाता है। ऐसी मान्यताएं हैं कि भोर की यह आरती भगवान श्री राम को जागने के लिए की जाती है। इसके बाद श्रृंगार आरती सुबह 6:30 से शुरू की जाती है जिसमें भगवान को नहला धुलाकर नएनए वस्त्र पहनाये जाते हैं इसके बाद ही भक्त गढ़ भगवान के दर्शन 7:00 से करते हैं। इसके बाद श्रद्धालु 7:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक भगवान श्री राम के दिव्य रूप का दर्शन करते हैं। फिर दोपहर के 12:00 बजे प्रभु श्री राम की भोग आरती की जाती है।इसके बाद भक्तों द्वारा दिन भर दर्शन होता है और संध्या आरती शाम को 7:30 बजे से शुरू की जाती है। फिर भक्तों का दर्शन शुरू हो जाता है इसके बाद रात्रि के 9:00 बजे प्रभु श्री राम को भोग लगाया जाता है इसके बाद रात्रि 10:00 बजे की शयन आरती करके मंदिर के कपाट को बंद कर दिया जाता है।

अयोध्या में श्री रामलला जन्मभूमि की सुरक्षा व्यवस्था कैसी है?

यदि आप अयोध्या में श्री रामलला जन्मभूमि पर बने मंदिर का दर्शन करने जा रहे हैं तो आपको बहुत ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था से गुजरना पड़ता है। श्री रामलला के मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए मंदिर के परिसर में ही कम से कम 150 पुलिस कर्मी आपको देखने के लिए मिल जाएंगे, और साथ ही साथ वहाँ पर भारी संख्या में आपको कमांडोस भी दिखेंगे। अंदर से लेकर बाहर तक पूरी सुरक्षा व्यवस्था के लिए कम से कम 700 से 800 सुरक्षा बलों को वहां तैनात किया गया है। क्योंकि श्री रामलला के दर्शन के लिए जन्मभूमि मंदिर पर एक दिन में कम से कम ढाई लाख से 3 लाख लोगों द्वारा दर्शन किया जा रहा है।इसीलिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या के श्री रामलला के मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया है। बताया जाता है कि प्राण प्रतिष्ठा के कुछ दिनों के अंदर मंदिर परिसर में इतनी अधिक भीड़ होती थी कि खुद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी को मोर्चा संभालना पड़ा था। मंदिर परिसर में अंदर कुछ भी नहीं ले जा सकते हैं इसीलिए आपको अपना सारा सामान बाहर किसी लॉकर में ही रखना पड़ता है। यदि आप गलती से कुछ लेकर जाते भी हैं तो अंदर आपको कम से कम दो जगह सिक्योरिटी चेकिंग से गुजरना पड़ता है। इसीलिए आप पहले से ही सजग होकर जाएं।

वर्तमान में अयोध्या की भव्यता वाकई में देखने लायक है। ऐसी खूबसूरती हर कोई अपनी आंखों से ही देखना चाहेगा, जहां सड़क हो या चौराहा हर तरफ रामायण की झांकियां आपको देखने को मिलेंगी। पर यह खूबसूरती देखने के लिए आप जरूर एक बार अयोध्या जाइए।दोस्तों हमें आशा है कि अयोध्या में जन्मभूमि श्री रामलला मंदिर दर्शन में हमारा यह पोस्ट आपके बहुत काम में आने वाला है ऐसी ही और जानकारीयों को पढ़ने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से जुड़े रहें और हमारी अन्य पोस्टों को पढ़ते रहें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *