mehandipur balaji | मेहंदीपुर बालाजी

‘भूत पिशाच निकट नहीं आवे महावीरजी जब नाम सुनावें।’ हनुमान चालीसा की ये पक्तियां भूत और पिशाच के बारे में है और यह बालाजी जो की हनुमान जी का एक बाल रूप है पर एकदम सटीक बैठती हैं। जी है हम बात कर रहे है mehandipur ke balaji मेहंदीपुर बालाजी मंदिर (Mehandipur Balaji Temple) के बारे में इस मंदिर को लेकर बताया जाता है कि यहां पहुंचते ही बुरी और नकारात्मक शक्तिया खुद ही डर से कांपने लगते हैं।

 

Mehandipur_Balaji

 

राजस्थान के दौसा जिले में स्थित दो पहाड़ियों के बीच बना मेंहदीपुर बालाजी (Mehandipur Balaji Temple) का मंदिर खूबसूरत होने के साथ ही हिंदुओं के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है। बाला जी का ये मंदिर अरावली पर्वत पर बना हुआ है ये मंदिर आज से एक हजार साल पुराना माना जाता है।

मेहंदीपुर बालाजी किस लिए प्रसिद्ध है?

मेहंदीपुर बालाजी (Mehandipur Balaji Temple) के दर्शन और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए श्रद्धालु यहाँ दूर-दूर से बाला जी के दर्शन करने आते हैं। मेहंदीपुर धाम मुख्यत: नकारात्मक शक्ति एवं प्रेतबाधा से पीड़ित लोगों के लिए जाना जाता है। mehandipur ke balaji  यहाँ ऐसी मान्यता है कि नकारात्मक शक्ति और प्रेत बाधा से पीड़ित लोगों को यहां शीघ्र ही मुक्ति मिल जाती है।

बाला जी मंदिर के बारे में ये बताया जाता है कि यहां बालाजी के सीने के बाईं ओर एक छोटा-सा छिद्र है। और इसमें से जल बहता रहता है। यहाँ जो भी श्रद्धालु आते है, वह सुबह और शाम की आरती में शामिल होकर आरती के छीटें जरूर लेते है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने पर रोगो और ऊपरी चक्कर से रक्षा होता है।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भारत में स्थित एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है और इसकी कुछ महत्वपूर्ण खासियतें हैं। यहां नीचे इनमें से कुछ खासियतों का वर्णन किया गया है:

  1. आश्वासन और उपशमन: मेहंदीपुर बालाजी मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां लोग अपनी मानसिक और शारीरिक कष्टों को शांति और आराम के साथ दूर करने के लिए आते हैं। यहां भगवान बालाजी की कृपा और उपस्थिति को मान्यता मिलती है और लोग इन्हें आशीर्वाद और समाधान के स्रोत के रूप में मानते हैं।
  2. भूत-प्रेत निवारण: मेहंदीपुर बालाजी मंदिर को भूत-प्रेत निवारण केंद्र के रूप में भी मान्यता मिलती है। लोग यहां भूत-प्रेतों से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए आते हैं और मान्यता है कि भगवान बालाजी उन्हें सुरक्षा और रक्षा प्रदान करते हैं।
  3. शक्तिपीठ: मेहंदीपुर बालाजी मंदिर को एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ के रूप में भी मान्यता मिलती है। यहां मान्यता है कि मंदिर के स्थान पर भगवान बालाजी के अंश गिरे थे और इसलिए यह स्थान महत्वपूर्ण शक्तियों से युक्त है। इसे शक्ति और प्राकृतिक ऊर्जा के स्रोत के रूप में माना जाता है।
  4. पूजा और आराधना का स्थान: मेहंदीपुर बालाजी मंदिर पूजा और आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां परंपरागत रूप से भगवान बालाजी की पूजा और अर्चना की जाती है और लोग उनके चरणों में आराधना करते हैं।

यहां बताई गई खासियतें केवल कुछ हैं और मंदिर के साथ जुड़े और भी अनेक महत्वपूर्ण तत्व हैं। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर एक स्थान है जो आध्यात्मिकता, श्रद्धा और आनंद के लिए प्रसिद्ध है।

बालाजी को क्या चढ़ाना चाहिए?

बालाजी के इस मंदिर में 3 देवता विराजमान हैं,बालाजी( mehandipur ke balaji), प्रेतराज और भैरव। इन तीनों देवताओं को अलग अलग से विभिन्न प्रकार के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। बालाजी महाराज को लड्डू चढ़ाया जाता हैं। वहीं भैरव जी को उड़द और प्रेतराज को चावल का भोग लगाया जाता है।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में निम्नलिखित भोग चढ़ाया जाता है:

  1. बालाजी (हनुमान जी): बालाजी( mehandipur ke balaji)को शांति और आशीर्वाद के लिए विशेष भोग चढ़ाया जाता है। इसमें पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर), फल, मिश्री, नटमेंद्र, मेवे, पकोड़े, पूरी, चावल, पापड़, और मिठाई शामिल हो सकते हैं।
  2. प्रेतराज सरकार जी (भैरव जी): प्रेतराज सरकार जी को तांत्रिक ज्ञान और शक्ति के प्रतीक के रूप में प्रसन्न करने के लिए भोग चढ़ाया जाता है। इसमें दूध, दही, घी, मिश्री, ताम्बूल, फूल, चावल, लौंग, इलाइची, नटमेंद्र, और नारियल शामिल हो सकते हैं।
  3. भैरव जी: भैरव जी को शक्ति, संरक्षण और अस्तित्व के प्रतीक के रूप में प्रसन्न करने के लिए भोग चढ़ाया जाता है। इसमें दूध, दही, घी, मिश्री, ताम्बूल, फूल, चावल, लौंग, इलाइची, नटमेंद्र, और अन्न शामिल हो सकते हैं।

यह भोगों की सूची सिर्फ उदाहरण है और प्रदेशिक परंपराओं और पूजा विधियों के आधार पर बदल सकती हैं। मंदिर जाने से पहले स्थानीय पंडित या पूजारी से विवरण प्राप्त करें।

मेहंदीपुर बालाजी के मंदिर में बालाजी, प्रेतराज सरकार जी और भैरव जी को कोनसा भोग लगाया जाता है ?

अगर आप भी बालाजी(mehandipur ke balaji)के धाम की यात्रा का मन बना रहे है तो आपको कम से कम एक सप्ताह पूर्व प्याज, लहसुन, मदिरा, मांस, अंडा और शराब का सेवन बंद कर देना चाहिए । यहाँ मान्यता है कि बालाजी को प्रसाद के दो लड्डू अगर प्रेतबाधा से पीड़ित व्यक्ति को खिलाया जाए तो उसके शरीर में स्थित प्रेत को भयंकर कष्ट की अनुभूति होती है और वह छटपटाने लगता है।

अध्ययन और ज्ञान: मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के धार्मिक और ऐतिहासिक पक्षों के बारे में अध्ययन करें। आपको मंदिर के इतिहास, पूजा प्रक्रिया, महत्वपूर्ण तिथियाँ और उपासना के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

व्रत और उपवास: यदि आपकी धार्मिक प्रथाओं में व्रत और उपवास शामिल हैं, तो आप मेहंदीपुर बालाजी जाने से 15-20 दिन पहले मंगलबार का व्रत कर सकते है। इनकी तैयारी कर सकते हैं। यह आपकी भक्ति और पूजा को और प्रभावी बना सकता है।

ब्रमचर्य का पालन : बाला जी जाने से 10 से 20 दिन पहले आपको ब्रमचर्य का पालन करना चाहिए ।

सात्विक भोजन करे : मेहंदीपुर बालाजी जाने से पहले, आपको सात्विक भोजन करना चाहिए। आपको नॉनवेज , शराब , प्याज़ और लहसुन का सेवन बिलकुल नहीं चाहिए , यह आपको धार्मिक यात्रा को और मंगलदायक बनाने में मदद करेगी। ध्यान करने, मंत्र जपने, और अध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल होने का विचार करें।

नित्य हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ: मेहंदीपुर बालाजी के महत्व और उपासना के बारे में आप नित्य 10 से 20 दिन पहले हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। यह आपको आदर्श दिशा देगा और आपकी यात्रा को प्रभाशाली और आपकी मनोकामनाओ को पूरा करने वाली बना सकता है।

मानसिक तयारी: मेहंदीपुर बालाजी जाने से पहले, आपको मानसिक तैयारी करनी चाहिए। यह आपको धार्मिक आत्मा के साथ यात्रा करने में मदद करेगी। ध्यान करने, मंत्र जपने, और अध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल होने का विचार करें।

यदि आपको और विस्तृत जानकारी चाहिए तो आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं या स्थानीय प्रशासनिक अथवा यात्रा विज्ञ एजेंट से संपर्क कर सकते हैं।

क्या हम मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद खा सकते हैं?

हम सभी जानते है की आमतौर पर मंदिर में भगवान के दर्शन करने के बाद लोग प्रसाद को अपने घर लेकर आते हैं लेकिन (mehandipur ke balaji)मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में यह मान्यता है की भूलकर भी प्रसाद को घर नहीं लाना चाहिए। ऐसा करने से आपके ऊपर किसी प्रेत साया का असर हो सकता है। ऐसी मान्यता है की बालाजी के दर्शन के बाद घर लौटते वक्त यह देख लेना चाहिए कि आपके पास या बैग में खाने-पीने की कोई भी चीज ना हो। ऐसा नियम है कि श्रद्धालु को यहां से खाने पीने की कोई भी चीज अपने घर लेकर नहीं जाना चाहिए।

यहाँ पर ऐसा बताया जाता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु जितने समय तक बालाजी की नगरी में रहते है तो , उसे ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। जो भी यहां के नियमों का पालन नहीं करता है, उसे पूरा फल नहीं मिलता और अनिष्ट होने की आशंका बनी रहती है। यहां पर चढ़ने वाले प्रसाद को दर्खावस्त या अर्जी कहते हैं। मंदिर में दर्खावस्त का प्रसाद लगने के बाद वहां से तुरंत निकलना होता है। जबकि अर्जी का प्रसाद लेते समय उसे पीछे की ओर फेंकना होता है। प्रसाद फेंकते वक्त आपको पीछे की ओर नहीं देखना चाहिए।

 

दिल्ली से मेहंदीपुर बालाजी कितने घंटे का रास्ता है?

दिल्ली से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर तक की यात्रा आसानी से एक बस द्वारा 7 घंटे में तय कर ली जाती है।
अगर आप ट्रैन से सफर कर रहे है तो आपको बांदीकुई जंक्शन पर उतर कर वह से बस के द्वारा यहाँ से आपको एक घंटे है सफर तय करना होगा और दौसा जिला जाना होगा , जहा पर मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर है।

मेहंदीपुर बालाजी दिल्ली से ट्रैन से कैसे जाये ?

दिल्ली से मेहंदीपुर बालाजी तक ट्रेन से यात्रा करने के लिए आप निम्नलिखित रूट का पालन कर सकते हैं:

  1. दिल्ली से अलवर जंक्शन तक ट्रेन: आपको दिल्ली जंक्शन से अलवर जंक्शन तक कोई भी अलवर या जयपुर दिशा में जाने वाली ट्रेन चुननी होगी। आप अलवर जंक्शन तक रेल यात्रा कर सकते हैं।
  2. अलवर जंक्शन से मेहंदीपुर बालाजी तक बस/टैक्सी: अलवर जंक्शन से मेहंदीपुर बालाजी तक आप बस या टैक्सी का उपयोग कर सकते हैं। यहां से मेहंदीपुर बालाजी केवल लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

ट्रेन यात्रा के बाद आप स्थानीय परिवहन सुविधाओं का उपयोग करके मंदिर तक पहुंच सकते हैं। आप ट्रेन की विवरण और समय सारणी के लिए भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप यात्रा के पहले टिकट की आवश्यकता के अनुसार पहले से ही आपके पास प्राप्त हो।

मेहंदीपुर बालाजी मुंबई से ट्रैन से कैसे जाये ?

मेहंदीपुर बालाजी मुंबई से ट्रेन से यात्रा करने के लिए आप निम्नलिखित रूट का पालन कर सकते हैं:

  1. मुंबई से जयपुर जंक्शन तक ट्रेन: आपको मुंबई से जयपुर जंक्शन तक कोई जयपुर या अजमेर दिशा में जाने वाली ट्रेन चुननी होगी। जयपुर जंक्शन एक मुख्य रेलवे स्टेशन है और मेहंदीपुर बालाजी जयपुर के पास ही स्थित है।
  2. जयपुर जंक्शन से मेहंदीपुर बालाजी तक बस/टैक्सी: जयपुर जंक्शन से मेहंदीपुर बालाजी तक आप बस या टैक्सी का उपयोग कर सकते हैं। मेहंदीपुर बालाजी जयपुर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

ट्रेन यात्रा के बाद आप स्थानीय परिवहन सुविधाओं का उपयोग करके mehandipur ke balaji मंदिर तक पहुंच सकते हैं। आप ट्रेन की विवरण और समय सारणी के लिए भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप यात्रा के पहले टिकट की आवश्यकता के अनुसार पहले से ही आपके पास प्राप्त हो।

 

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