योगी आदित्यनाथ का संपूर्ण जीवन परिचय

योगी आदित्यनाथ का संपूर्ण जीवन परिचय और उनका परिवार व उनका राजनीतिक जीवन

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योगी आदित्यनाथ वह हस्ती हैं जिनके नाम से आज के समय का पूरा उत्तर प्रदेश पहचाना जाता है। योगी आदित्यनाथ वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व हिंदू संत हैं। और इसीलिए समय-समय पर योगी आदित्यनाथ जी के बारे में हमारे मन में यह विचार उत्पन्न होता है कि यदि वह संत हैं तो उनका परिवार कहां है? वह किस पंथ के संत हैं?  व उनका प्रारंभिक जीवन व राजनीतिक जीवन कैसा रहा होगा और उन्होंने कितना संघर्ष किया होगा कि आज वह पूरे भारत के सबसे सशक्त मुख्यमंत्री में से पहले नंबर पर आ चुके हैं?

तो दोस्तों हम आपको अपने इस लेख में योगी आदित्यनाथ के बारे में वह संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं जिन्हें जानने के आप इच्छुक हैं। इसीलिए हमारे इस पोस्ट के साथ में आप अंत तक बन रहें।

 

योगी आदित्यनाथ कौन हैं?

योगी आदित्यनाथ कुछ भी होने से पहले वे एक भारतीय हिंदू साधू हैं व वें भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करते हैं।योगी आदित्यनाथ वर्तमान समय में भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री हैं,, जिन्होंने उत्तर प्रदेश में अब तक के सबसे लंबे मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका निभाई है व निभा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ के नाम से ही पूरे उत्तर प्रदेश के गुंडे कांपते हैं। योगी आदित्यनाथ जी का  शासन काल इतना सख्त है कि उन्होंने किसी भी गुंडे बदमाश के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया है और उन्होंने ऐसा प्रण लिया है कि उत्तर प्रदेश में जितने भी गुंडे बदमाश है उन्हें वह मिट्टी में मिला देंगे जिसका उदाहरण हमने अब तक कई जगहों पर देखा है। योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में आने के बाद से ही पूरे राज्य में गुंडा,बदमाशी, चोरी, छिनैती,बलात्कार जैसी अपराधिक गतिविधियों पर बहुत अधिक हद तक नकेल कसी जा चुकी है। योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यदि कोई भी अपराधी कोई गलत काम करता है या किसी भी गरीब को सताता है तो उसके घर पर सबसे पहले योगी आदित्यनाथ जी द्वारा बुलडोजर चलाया जाता है जिस कारण से योगी आदित्यनाथ का नाम बुलडोजर बाबा भी रखा जा चुका है।

और वहीं यदि हम योगी आदित्यनाथ जी के जीवन के दूसरे पहलू की बात करें तो यह गोरखनाथ मठ के महंत हैं।

 

योगी आदित्यनाथ का जन्म व उनके परिवार

योगी आदित्यनाथ जी का जन्म भारत देश के उत्तराखंड राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले में सन 1972 में 5 जून को एक क्षत्रिय  परिवार में हुआ था। योगी आदित्यनाथ जी के बचपन का मूल नाम अजय सिंह बिष्ट है जिसे की बाद में जब इन्होंने गोरखनाथ मठ पर गए तब उनके नाम को बदलकर योगी आदित्यनाथ कर दिया गया था। इनके पिताजी का नाम आनंद सिंह बिष्ट था जो की एक फॉरेस्ट रेंजर थे और जिनकी मृत्यु 20 अप्रैल सन 2020 में हुई थी और अपने पिता की मृत्यु के पश्चात उनके अंतिम संस्कार में योगी आदित्यनाथ नहीं जा पाए थे क्योंकि उनके ऊपर राज्य की जिम्मेदारियां थी। क्योंकि हमारा देश उसे समय कोरोना जैसी भयावह बीमारी से जूझ रहा था तो इसीलिए आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी ने सर्वोपरि राज धर्म माना और फिर परिवार को माना। इनकी मां का नाम सावित्री देवी है जो की बहुत ही सरल स्वभाव की स्त्री हैं। योगी आदित्यनाथ जी सात भाई बहनों में से पांचवें नंबर पर हैं । इनकी कुल तीन बड़ी बहनें और चार भाई हैं। जिनमें की दो भाई इनसे छोटे हैं और इनका एक भाई फौज में भी है। योगी आदित्यनाथ जी भले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं लेकिन इन्होंने अपने परिवार के लिए विशेष रूप से कोई भी काम नहीं किया क्योंकि आज भी हम देखते हैं कि उनकी एक बहन उत्तराखंड में ही चाय नाश्ते की दुकान करके अपना गुजर बसर करती हैं और अपना घर चलाती हैं। और वहीं यदि योगी आदित्यनाथ जी के पैतृक गांव की बात करें जहां उनकी मां रहती हैं तो वहां पर भी आपको सामान्य सा एक कच्चा पक्का घर ही दिखेगा जिसमें कि किसी भी प्रकार की विशेष व्यवस्था नहीं है। योगी आदित्यनाथ जी ने राज धर्म को सर्वोपरि मानते हुए अपने परिवार को हमेशा पीछे रखा और इसीलिए उन्होंने अपने परिवार के लिए कोई विशेष कार्य कभी किया ही नहीं है और ना ही अपने परिवार के लिए कभी कोई भी VIP व्यवस्था करवाते हैं।

क्योंकि योगी आदित्यनाथ जी का कहना है कि “हर किसी को खुद कमाना,खाना और मेहनत करना चाहिए।,,

और इस मामले में उनके परिवार के लोग भी यही कहते हैं कि यदि हर पार्टी के नेता के घर वाले राजनीति में ही आ जाएंगे तो राजनीति पूरा परिवारवाद हो जाएगा जो की सही नहीं है देश को चलाने के लिए योग्य और भरोसेमंद नेताओं की जरूरत है न कि परिवारवाद की।

 

किस पंथ के संत हैं?

योगी आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश में स्थित गोरखपुर जिले में गोरखनाथ मंदिर जिसके संत थे बाबा गोरखनाथ और इन्हीं के नाम से इस जिले का नाम गोरखपुर पड़ा था,, और इसी गोरखनाथ मंदिर के वर्तमान समय में महंत हैं हमारे आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी। जोकि वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्य पद भी संभाले हुए हैं। योगी आदित्यनाथ जी नाथ संप्रदाय के संत हैं। और यदि हम इस नाथ संप्रदाय की विशेषताओं की बात करें तो इसके अंतर्गत हिंदू धर्म दर्शन,आध्यात्मिक साधना जैसी तमाम चीजों का समावेश होता है जिससे कि कोई भी व्यक्ति हिंदुत्व की छवि लेकर मठ के कार्यभार को आगे बढाता है। और जो भी संत इस नाथ संप्रदाय के प्रमुख कार्यभार संभालने वालों में से एक हो जाते हैं यानी कि महंत हो जाते हैं उन्हें तमाम नाथ संप्रदाय से जुड़े मंदिरों की व मठों की देखभाल करनी होती है। जोकि योगी आदित्यनाथ जी करते हैं वे समय-समय पर अपनी राजनीतिक जीवन को जीते हुए अपने मठ का कार्य भी करते हैं।

 

शिक्षा

दोस्तों यदि हम योगी आदित्यनाथ जी के शिक्षा की बात करें तो इन्होंने सन 1977 में टिहरी में गजा के एक स्थानीय स्कूल से अपनी पढ़ाई शुरू की थी और वहीं से सन 1987 में इन्होंने अपनी हाई स्कूल की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने सन 1989 में ऋषिकेश के श्री भारत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद इन्होंने सन 1990 में अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर  श्रीनगर के हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में B.Sc की परीक्षा पास कर ली। इसके बाद इन्हें आगे M. Sc भी करना था लेकिन कोटद्वार में जब यह रुके थे उसी दौरान उनका सामान चोरी हो गया था जिसमें कि इनकी मार्कशीट भी थी लेकिन इनकी T. C, मार्कशीट चोरी हो जाने के कारण योगी आदित्यनाथ जी का विज्ञान विषय में स्नातकोत्तर यानी की M.Sc करने का सपना अधूरा रह गया। लेकिन फिर भी इन्होंने हार नहीं मानी और इन्होंने दोबारा से ऋषिकेश में विज्ञान स्नातकोत्तर में प्रवेश लेना चाहा लेकिन इस दौरान राम मंदिर आंदोलन भी शुरू हो चुका था जिस कारण से योगी आदित्यनाथ जी बहुत परेशान हो गए थे और उनका ध्यान मंदिर की ओर भटक गया था,, और इस समय सन 1993 में ये गणित से स्नातकोत्तर करने के लिए गुरु गोरखनाथ पर शोध करने गोरखपुर आए हुए थे लेकिन इनका ध्यान इस समय बाबा गोरखनाथ में ऐसा लीन हुआ कि इन्होंने गोरखपुर में ही अपने चाचा जो कि महंत थे गोरखनाथ मंदिर के जिनका नाम था महंत अवैद्यनाथ कि शरण में चले गए और उन्हीं से दीक्षा ले ली। इसके बाद सन 1994 में यें अजय सिंह बीस्ट से नाम बदलकर सन्यासी योगी आदित्यनाथ बन गए।

 

गोरखनाथ मंदिर के महंत कब बने?

योगी आदित्यनाथ अपने चाचा व गुरु महंत अवैद्यनाथ के निधन के 2 दिन  बाद सन 2014 में 14 सितंबर को संपूर्ण पारंपरिक अनुष्ठान के बाद गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर व नाथ संप्रदाय के महंत बनाये गयें ।

 

राजनीतिक जीवन

नाथ संप्रदाय के महंत बनने के बाद योगी आदित्यनाथ जी गोरखपुर में अपनी एक विशेष छवि बना चुके थे।जहां सामान्य जनता को भी कोई भी परेशानी होती थी तो सबसे पहले योगी आदित्यनाथ जी के पास ही जाते थे।जहां वे हिंदू मुस्लिम का भेद भूलाकर हर किसी के लिए काम करते थे और अपनी इसी पहचान के बदौलत सन 1998 में आदित्य योगी नाथ जी ने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े और गोरखपुर से जीते भी। पर हम आपको बता दें कि तब योगी आदित्यनाथ जी की उम्र महज 26 साल थी। योगी आदित्यनाथ जी लोकसभा के सबसे युवा सांसद भी रह चुके हैं जनरेशन 1999 में दोबारा संसद के रूप में चुना गया था।

योगी आदित्यनाथ जी द्वारा सन 2002 में अप्रैल में हिंदू युवा वाहिनी नामक एक संस्था बनाई गई। जहां उन्होंने हिंदुओं के लिए बहुत काम किया। और फिर सन 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीते हुए सन 2009 में 200 से भी ज्यादा वोटो से जीतकर लोकसभा पहुंचे और फिर सन 2014 में पांचवीं बार  2 लाख से भी ज्यादा वोटो से जीत हासिल करते हुए यह संसद के रूप में चुने गए।

और फिर सन 2017 में 19 मार्च को उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक दल की बैठक में आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी को विधायक दल का विजेता घोषित करते हुए मुख्यमंत्री पद पर आसीत किया गया। और तब से यानी की सन 2017 से आज सन 2024 तक के सबसे अधिक समय तक उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर बने रहने वाले मुख्यमंत्री में से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी बन चुके हैं।

 

 

तो दोस्तों हमें आशा है कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा ऐसी ही और जानकारी को पढ़ने के लिए आप हमारे दूसरे लेखो को पढ़ सकते हैं।

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